झारखण्ड से लातेहार की रहने वाली समाजसेवी व एम्बेसडर डॉ अराधना कुमारी को मिस्र से गोल्ड अवार्ड के साथ मानवता और नैतिकता के लिए नवाज़ा गया .मिस्र के शिक्षा मंत्रालय में कार्यरत डॉ शाबान हेल्मी
ने बताया की डॉ अराधना कुमारी जो मानवता के उन नैतिक जड़ों और स्वत्रंता के उद्गम कार्य के लिए मिस्र के साथ मित्रता को अगाज दिया, उनके इस साथ को आगे बढ़ाते हुए हम एक मानवता के नया विकास करेंगे। डॉ अराधना जो की एक अलग ही पहचान बनाते हुए कई लोगो के लिए प्रेरणा के आदर है जिनका मानना है की मानवता इंसान का एक गुण हि नहीं बल्कि धर्म भी होना चाहियें। हमे एक ऐसा धर्म बनाना है जिसमे कोई जातिवाद नहीं होना चाहिए और ये धर्म एक “मानवता” है। मानवता का अर्थ मानव के प्रति सेवा भाव, सदाचारी व्यवहार, ईमानदारी, भाईचारा, सभी जीवों के प्रति दया भाव होना चाहिए । व्यक्ति की पहचान उसके मानवता के गुणों के कारण ही होती है मानवता एक सागर के समान है आपको मानवता में विश्वास नहीं खोना चाहियें यदि सागर की कुछ बूंदें गंदी भी हो जाएँ तो इससे पूरा सागर मैला नहीं होता। हमेशा याद रखे हमारा धर्म प्रेम होना चाहियें और जाति केवल मानवता होनी चाहियें तभी हम ऊपर उठ सकते है ।