दुमका(झारखण्ड):राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग नई दिल्ली के फाइल संख्या झारखंड-02/2020 ए पी सी आर मे डॉ राजेश कुमार दास बनाम गौरव गंगोपाध्याय उर्फ गांगुली पूर्व डीएसडब्ल्यू सिदो कान्हू मुर्मू विश्वविद्यालय दुमका एवं पूर्व कुलपति डॉ मनोरंजन प्रसाद सिन्हा दुमका झारखंड के विरुद्ध 9 सितंबर को आयोग के कार्यालय में अरुण हलधर राष्ट्रीय उपाध्यक्ष अनु जाति आयोग नई दिल्ली के समक्ष सुनवाई हुई। जिसमें विश्वविद्यालय की ओर से कुलपति ने डॉ काशीनाथ झा प्रोक्टर, एसकेएमयू दुमका तथा आरक्षी अधीक्षक दुमका ने नूर मुस्तफा अंसारी एसडीपीओ दुमका एवं उपायुक्त दुमका के स्थान पर जिला कल्याण पदाधिकारी अशोक कुमार उपस्थित हुए।सुनवाई के दौरान शिकायतकर्ता डॉ राजेश कुमार दास ने अपना पक्ष रखा द्विपक्षीय सुनवाई के दौरान विश्वविद्यालय के द्वारा अधिकृत पदाधिकारी डॉ काशीनाथ झा प्रोक्टर ने यह स्वीकार किया कि वर्ष 2019 की घंटी आधारित सहायक व्याख्याता नियुक्ति में सभी विषयों की नियुक्ति प्रक्रिया में आरक्षण रोस्टर में भारी गड़बड़ियां हुई है। जो कि विश्वविद्यालय के द्वारा हाई लेवल की जांच कमेटी के रिपोर्ट में भी सामने आई है। इस पर आयोग ने श्री झा को काफी फटकार लगाई।साथ ही उन्होंने कहा कि आयोग बहुत जल्द एक टीम का गठन करते हुए सिदो कान्हू मुर्मू विवि दुमका मैं इतने बड़े आरक्षण घोटाले की जांच करने के लिए एक कमेटी का गठन गठित कर जांच की जाएगी और दोषी पाए गए सभी पदाधिकारियों को किसी सूरत पर बख्शा नहीं जाएगा ।इस सुनवाई के दौरान उपाध्यक्ष अरुण हलधर ने एसडीपीओ दुमका सदर नूर मुस्तफा अंसारी को सुनवाई के दौरान आदेश दिया कि अनुसूचित जाति जनजाति दलित उत्पीड़न अधिनियम 1989 के अनुसार एफ आई आर होने के 24 घंटे के भीतर आरोपित व्यक्तियों की गिरफ्तारी होनी थी लेकिन 2 वर्ष बीत जाने के बाद भी आज तक आरोपित पर कोई कार्यवाही नहीं की गई। इस पर आयोग ने सख्त रुख अपनाते हुए एसडीपीओ दुमका नूर मुस्तफा अंसारी को दोनों आरोपित व्यक्ति डॉ मनोरंजन प्रसाद सिन्हा एवं डॉ गौरव गंगोपाध्याय को 24 घंटे के अंदर गिरफ्तार कर इसकी सूचना आयोग को भेजने का निर्देश दिया ।साथ ही आयोग ने कड़े शब्दों में स्थितियों को कहा कि यदि उक्त आदेश की अवहेलना हुई तो संबंधित पदाधिकारियों पर कार्यवाही की जाएगी। इस आदेश एवं सुनवाई के मिनट्स के प्रति आयोग ने संबंधित कार्यालय उपायुक्त दुमका आरक्षी अधीक्षक दुमका ,कुलपति एसकेएमयू दुमका को उपलब्ध करा दी है। इसके साथ ही जिससे विद्यालय के द्वारा अधिकृत पदाधिकारी को निर्देश दिया कि नियुक्ति से संबंधित पीड़ित अभ्यर्थी डॉ राजेश कुमार दास को 3 दिनों के भीतर बिना शर्त अनुबंध आधारित सहायक व्याख्याता में नियुक्त करते हुए आयोग को इसकी सूचना देने का निर्देश दिया है। जिसे विद्यालय के पदाधिकारी ने सहस्य स्वीकार किया।24 घंटे बीत जाने के बाद भी उक्त आदेश की अवहेलना उच्च पदाधिकारियों के द्वारा नहीं की जा रही है। जिससे कि दोषी अधिकारियों का मनोबल बढ़ा हुआ है ।साथ ही वे लोग अपने भाया मीडिया से शिकायतकर्ता पर मामलों को वापस लेने का लगातार दबाव भी बना रहे हैं। सुनवाई के बाद उपाध्यक्ष ने इतने बड़े हुए आरक्षण घोटाले को लेकर कार्यालय में एक बृहत प्रेस कॉन्फ्रेंस भी किए साथ ही उन्होंने कहा कि इसके कार्यवाही की प्रतिलिपि राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री ,राज्यपाल सहित पुलिस पदाधिकारियों को भी दी जाएगी। ताकि देश में इस तरह की आरक्षण घोटाले के पुनरावृति नहीं की जा सके एवं विराम लग सके।