पूरी पारदर्शिता के साथ न्याय मेरी सर्वोच्च प्राथमिकता-पारस कुमार
दुमका :उपराजधानी दुमका के तेज-तर्रार युवा अधिवक्ता पारस कुमार सिन्हा ने डिस्ट्रिक्ट जज के रूप में चयनित होकर न सिर्फ इस जिले के युवाओं के लिए एक आदर्श प्रस्तुत करने का काम किया है, बल्कि संताल परगना प्रमंडल जैसे पिछड़े इलाके में अपनी कौशल क्षमता के बल पर उन्हें आगे बढ़ने की एक बड़ी प्रेरणा का बीजारोपण भी किया है। बार से डिस्ट्रिक्ट जज की मात्र 22 सीटों के लिए हुए एग्जाम में तीसरे स्थान के साथ चयनित अधिवक्ता पारस कुमार सिन्हा ने अपनी इस उपलब्धि के लिए जहाँ एक ओर अपने माता-पिता, पत्नी, अधिवक्ता ससुर सहित अपने चाहने वाले मित्रों, शुभचिन्तकों को इसका श्रेय दिया है, वहीं दूसरी ओर अपनी जन्मस्थली दुमका की आम अवाम के प्रति भी कृतज्ञता प्रकट की है जिन्होंने मुकदमों के माध्यम से उन्हें बहुत कुछ सीखने का मौका दिया है।अधिवक्ता पारस कुमार सिन्हा की प्रारंभिक शिक्षा बाल भारती विद्यालय (कक्षा 6 तक की पढ़ाई) और संत जोसेफ विद्यालय
गुहियाजोरी से हुई है। संत जोसेफ विद्यालय गुहियाजोरी से उन्होंने मैट्रिक की पढ़ाई पूरी की। तद्पश्चात एसकेएमयू, दुमका से केमिस्ट्री में ऑनर्स तक की डिग्री हासिल की। वर्ष 2006 में दिल्ली विश्वविद्यालय से उन्होंने लॉ की डिग्री हासिल की। उसके बाद तीस हजारी सिविल कोर्ट व सुप्रीम कोर्ट में बतौर अधिवक्ता अपने सीनियर मिस कमलेश जैन के के अंदर रहकर प्रैक्टिस किया, जिनसे काफी कुछ सीखने का मौका मिला।फरवरी 2010 से वे गृह जिला दुमका में अधिवक्ता सत्यनारायण भगत, ध्रुव प्रसाद व प्रदीप कुमार सिन्हा उर्फ परमा बाबू के अंदर रहकर प्रैक्टिस किया और धीरे धीरे स्वतंत्र प्रैक्टिस की ओर आगे बढ़े। अधिवक्ता पारस कुमार सिन्हा के अनुसार सितंबर 2022 में डिस्ट्रिक्ट जज के लिए लिखित परीक्षा हुई थी, जिसमें पास करने के बाद 12 मार्च 2023 को उनका इंटरव्यू लिया गया और 23 मार्च को परिणाम घोषित कर दिया गया। उनकी इच्छा है कि चित्रांश समाज के वैसे बच्चे जो सिंसियर होकर लॉ की पढ़ाई करना चाहते हैं, उनके लिए अपने दादा जी स्व परमानंद प्रसाद के नाम पर एक स्कॉलरशिप योजना वे प्रारम्भ कर सकें।