दुमका।
संताल परगना वीरों की भूमि रही है। सिद्धो, कान्हू, चाँद भैरव, के शहादत की यह भूमि अपने सांस्कृतिक वैभव एवं समाजिक एक्ता के लिये सदियों से विख्यात रहा है। प्रषासन में आमजनों का सहयोग प्राप्त करने के उद्ेषय से तत्कालीन अंग्रेज कलक्टर जार्ज कर्सस्टेयर ने हिजला मेला की शुरुआत की थी। आज मेले के स्वरुप में बहुत सारा परिवर्तन आया है परन्तु यह मेला आज भी अपने मूल स्वरुप को कायम रख पाने में सफल रहा है। संताल परगना प्रमण्डल के आयुक्त दिनेष चन्द्र मिश्र ने राजकीय जनजातीय हिजला मेला 2017 के उद्घाटन के अवसर पर मुख्य अतिथि सम्बोधन में यह बात कही। उन्होंने विभिन्न विभागों द्वारा लगाये गये प्रदर्षनी पण्डालों के सदर्भ में कहा कि इसमें विविध क्षेत्रों में नित नई होने वाली तकनिकी उन्नित को बेहतरीन ढंग से दर्षाया गया है। उन्होंने लोगो से इन प्रदर्षनी पंडालों का अवलोकन कर लाभ उठाने की अपील की। उन्होंने मेले के बेहतर आयोजन हेतु जिला प्रषासन सहित तमाम आयोजन समिति को धन्यवाद दिया। स्वागत सम्बोधन करते हुए दुमका के उपायुक्त राहुल कुमार सिन्हा ने सब को मेले की शुभकांमना देते हुए बतलाया कि इस वर्ष भी अन्य वर्षों की भांति मेले में प्रत्येक दिन विभिन्न प्रकार के खेलकूद के साथ-साथ विभिन्न कलादलों द्वारा प्रस्तुत किये जाने वाले गीत, संगीत, नृत्य, नाट्क आदि के द्वारा दर्षकों के मनोरंजन हेतु व्यापक व्यवस्था की गई। इस वर्ष लगभग 150 कलादलों द्वारा कार्यक्रम प्रस्तुति हेतु आवेदन दिया जाना यह दर्षाता है कि मेले की ख्याति दिनों-दिन बढ़ती ही जा रही है। मेले में प्रतिदिन विभिन्न विषयों पर आयोजित होने वाली परिचर्चा के सदर्भ में उन्होंने कहा कि पूर्व में भी मेले का यही उद्ेष्य था।
मेला के उद्घाटन कर्ता तथा कार्यक्रम के अध्यक्ष हिजला ग्राम के ग्राम प्रधान सुनीराम हाँसदा ने सभी मेला घुमने वालो से अपील की कि मेला परिसर में पाॅलिथिन का उपयोग न करें तथा विभिन्न प्रदर्षनी पंडालों का अवलोकन कर कृषि एवं अन्य क्षेत्रों में हुई तकनीकि प्रगति का लाभ उठायें।दुमका के अनुमंडल अधिकारी संदीप दुबे ने सबों से शांति व्यवस्था कायम रख पूरे उत्साह तथा गरिमा के साथ मेला का आनन्द उठाने की अपील की। उन्होंने कार्यक्रम में उपस्थित सभी अतिथियों सहित तमाम लोगों के प्रति अपना आभार प्रकट किया। इससे पूर्व रामसिंगा, सकवा, मदानभेर एवं अन्य पारम्परिक वाद्ययंत्रों के गगनभेदी स्वरों के बीच अतिथियों का भव्य स्वागत किया गया। मुख्य अतिथि एवं अन्य अतिथियों की गरिमामयी उपस्थिति में हिजला ग्राम प्रधान द्वारा पारम्परिक उद्घाटन किया गया। एमानुएल सोरेन के नेतृत्त्व में पायका नृत्य के बीच अतिथियों को हिजला मुख्य द्वार तक लाया। अतिथियों ने विभिन्न प्रषासनिक विभागों द्वारा लगाये गये प्रदर्षनी पंडालों का उद्घाटन कर उसका अवलोकन किया तथा उसमें प्रदर्षित की गई वस्तुओं के बारे में जानकारी प्राप्त की। तत्पष्चात् राजकीय जनजातीय हिजला मेला खेलकूद समिति के क्रीड़ा ध्वज का आरोहन कर तथा तीर चलाकर औपचारिक रुप से खेलकूद कार्यक्रम का भी शुभारम्भ किया गया।उद्घाटन सत्र की समाप्ति के पश्चात् बाहरी कलामंच के सामने मैदान में भव्य सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुति की गई। मौके पर सांसद प्रतिनिधि विजय कुमार सिंह, पूर्व सांसद अभय कान्त प्रसाद, जिला परिषद अध्यक्षा जाॅयस बेसरा, नगर परिषद अध्यक्षा अमिता रक्षित, जिला परिसद उपाध्यक्ष असीम मंडल, सुधीर कुमार सिंह आदि मौजूद थें।