बीएड में नामांकन के लिए सिदो कान्हू मुर्मू विवि ने सरकार के नियम को रखा ताक पर – तीसरा भाग

झारखण्ड देखो पोल खोल अभियान के तहत झारखण्ड देखो न्यूज़ वेबसाइट में प्रकाशित बीएड में नामांकन के लिए सिदो कान्हू मुर्मू विवि ने सरकार के नियम को रखा ताक पर खबर का पढ़िए तीसरा भाग…… खबर का असर

सिदो कान्हू मुर्मू विवि ने अपनी गलती छुपाने के लिए फिर से किया सरकार के बनाये नियम का उलंघन

दुमका। सिदो-कान्हु मुर्मू विवि की काली करतूत उजागर होने के बाद अब विवि प्रबंधन इसे लीपापोती में लग गया है। इसका एक उदाहरण 27 फरवरी 2019 को देखने को मिला। अपने दिए गए आदेश को वापस लेने को लेकर एक अधिसूचना जारी किया गया। यह बता दे कि सरकार की ओर से जारी किया गया अंगिभूत एवं निजी बीएड कॉलेज में नामांकन के लिए नियम पर विवि प्रबंधन ने अपने मर्जी से एक सत्र 2018-20 के लिए शिथिल कर दिया था। यहां बता दें कि 2004 में झारखंड सरकार के मानव संसाधन विकास विभाग द्वारा पत्रांक 1382 में बीएड में नामांकन के लिए सरकार के द्वारा नियम बनाये गए हैं। लेकिन विवि प्रबंधन ने अपने फायदा के लिए सरकार के पत्र को शिथिल करने का आदेश 7 जनवरी 2019 को निकला था । इसी पत्र को वापस लेने के लिए फिर  27 फरवरी को दूसरा पत्र निकाला गया। दरअसल विवि के इस काली करतूत की खबर झारखंड देखो न्यूज़ वेबसाइट  में प्रमुखता से छापी गयी थी। इसके बाद विवि  लीपापोती में लग गया है। यह सब अपने बचाव के लिए किया जा रहा है। अब सवाल उठता है कि विवि प्रबंधन सरकार के किसी भी पत्र को उसमें आंशिक संशोधन भी नहीं कर सकता है, तो फिर एक सत्र के लिए सरकार के द्वारा बनाए गए बीएड के नामांकन नियम को यह कैसे शिथिल कर दिया गया। यह एक उच्चस्तरीय जांच का विषय है।

यंहा बता दे की   एक सत्र के लिए नामांकन नियम को शिथिल करने के बाद कई निजी बीएड कॉलेज में दूसरे राज्य के छात्रों का नामांकन ले लिया गया है। अब इस पत्र को वापस लेने के बाद इन अभ्यर्थियों का विवि के द्वारा पंजीयन नहीं होगा। ऐसी स्थिति में अब वे अभ्यर्थी न्यायालय के शरण में जाने को विवश होंगे। जब उच्चस्तरीय जांच होगी तब दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा। इधर  विवि के सर्वोच्च अधिकारी ने अपने बचाव के लिए अपने ही कुछ पदाधिकारी एवं शिक्षकेतर कर्मियों पर स्पष्टीकरण पूछा है, कि यह पत्र कैसे बाहर चला गया , एवं एक सत्र के लिए नियम को कैसे शिथिल किया गया । हमारे आदेश को गलत ढंग से प्रस्तुत किया गया है। लेकिन सवाल उठता है की सरकार के बनाये हुए नियम में संशोधन कैसे कर सकता है विवि प्रबंधन?

क्या कहते है अन्य विवि के कुलपति

Dr. S. N. Munda

डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी विवि रांची के कुलपति डॉ सत्यनारायण मुंडा ने इस मामले में कहा की सरकार के बनाये नियम में विवि प्रबंधन या कोई अधिकारी इसमें किसी प्रकार का छेड़ छाड़ या संशोधन नहीं कर सकते है। अगर कोई संशोधन करता है तो ये जाँच का विषय है।

क्या कहते हैं छात्र नेता

सिदोर हांसदा

झारखंड छात्र मोर्चा के जिला अध्यक्ष सिदोर हांसदा ने कहा कि इस मामले की उच्चस्तरीय जांच होनी चाहिए एवं दोषी पदाधिकारियों पर निश्चित रूप से सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए, ताकि भविष्य में दोबारा कोई ऐसी गलती कोई ना करें। इस तरह का कार्य करने के लिए इसकी जितनी भी भर्त्सना की जाए कम है।

सुजीत वर्मा

अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के जिला संगठन मंत्री सुजीत वर्मा ने कहा कि यह एक अत्यंत असंवेदनशील मामला है । इस पर निश्चित रूप से उच्चस्तरीय जांच कर दोषी पदाधिकारियों पर कार्रवाई होनी चाहिए।

 

Post Author: News Desk

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