दुमका : आज इन्टरनेट के युग में वेबसाइट किसी संस्था का मुख्य पहचान होता है, जिससे उस संस्था के बारे में सारी जानकारी लोगो तक पहुँचती है। सिदो कान्हू मुर्मू विश्वविद्यालय के नए वेबसाइट के आने से अब तक कई बार सुर्ख़ियों में आया है। वजह के वेबसाइट का हैक होना। लेकिन वेबसाइट के एक खास हिस्से की ओर अब तक किसी का ध्यान नहीं गया है, जो आश्चर्य की बात है। अगर किसी को विश्वविद्यालय के इतिहास और संरचना के बारे में जानना हो तो वह वेबसाइट के अबाउट अस (About us) के वेब पेज पर जाता है।
इस वेब पेज के आखिरी हिस्से में एक सेक्शन है जिसका नाम है – University at a glance (विश्वविद्यालय एक नज़र में)। यहाँ विश्वविद्यालय के बारे में सारी जानकारी दी गयी है जैसे स्थापना की तिथि, स्थान, कैंपस की परिधि, पहले कुलपति का नाम इत्यादि। लेकिन इस हिस्से की जानकारी किसी भी सूरत में सिदो कान्हू मुर्मू विश्वविद्यालय की नहीं लगती। इसमें विश्वविद्यालय की स्थापना की तिथि १० फरबरी १९४९ दी गयी है जबकि विश्वविद्यालय की स्थापना १० जनवरी १९९२ को हुई थी. विश्वविद्यालय का स्थान गणेशखिंड रोड, पुणे, महाराष्ट्र बताया गया है। पहले कुलपति का नाम डा एम्. आर. जयकर है।
इस हिस्से को देखकर लगता है कि यह जानकारी किसी दुसरे विश्वविद्यालय के वेबसाइट से चुराया गया है। सिर्फ वेबसाइट को बदलकर पूरा का पूरा वही रख दिया गया है। हमारी टीम ने खोजबीन करने के बाद पता चला की यह जानकारी सावित्रीबाई फुले पुणे विश्वविद्यालय की है। नीचे दिए गए लिंक से आप इस वेब पेज में दी गयी जानकारियों को मिला सकते है।
http://www.unipune.ac.in/university_files/about_university.htm
अब सवाल यह है कि यह जानकारी कितने दिनों से वेबसाइट पर है और किसी को इसकी खबर क्यों नहीं है? क्या वेबसाइट बनाने वाली संस्था के साथ साथ विश्वविद्यालय प्रबंधन भी सामान रूप से दोषी नहीं है? यह एक बड़ा सवाल खड़ा करता है .