दीक्षांत समारोह का अपना एक विशेष महत्व है-रमेश बैस

दीक्षांत समारोह में राज्यपाल के हाथों टॉपरों को मिला गोल्ड मेडल

दुमका:राज्यपाल झारखंड रमेश बैस ने सिदो कान्हू मुर्मू विश्वविद्यालय में आयोजित छठा दीक्षांत समारोह में भाग लिया। समारोह में विशिष्ट अतिथि के रूप में झारखंड विधानसभा के अध्यक्ष रविन्द्र नाथ महतो भी शामिल हुए।  उपाधि ग्रहण करने वाले विद्यार्थियों को बधाई दी।सिदो कान्हु मुर्मू विश्वविद्यालय, दुमका के छठे दीक्षांत समारोह के अवसर पर  राज्यपाल-सह-झारखंड राज्य के विश्वविद्यालयों के कुलाधिपति ने कहा कि इस शुभ अवसर पर मैं आप सभी को बधाई व शुभकामनायें देता हूँ। विशेष रुप से, उन विद्यार्थियों को जो आज उपाधि प्राप्त कर रहे हैं।तिलकामाँझी भागलपुर विश्वविद्यालय से सन् 1992 में विभाजित होकर सृजित यह विश्वविद्यालय हूल क्रान्ति के अमर महानायकों सिदो एवं कान्हु के नाम पर स्थापित है। सर्वप्रथम, मैं उन शहीदों को नमन करता हूँ और उनके प्रति अपनी श्रद्धा-सुमन अर्पित करता हूँ।दीक्षांत समारोह का अपना एक विशेष महत्व है। विद्यार्थियों के चेहरे पर मुस्कान, उमंग और उत्साह इस समारोह की गरिमा को और बढ़ा देता है। उपाधि ग्रहण करने वाले विद्यार्थियों एवं शोधार्थियों के लिए यह दीक्षांत समारोह एक अहम अवसर है जिसमें उनके वर्षों की कड़ी मेहनत का परिणाम दिखाई देता है। हमारे विद्यार्थियों में निहित प्रेरणादायक विचार उनके जीवन को प्रगति के मार्ग पर ले जाने की ताकत रखता है, उनमें देश और समाज को विकास के नये मुकाम पर ले जाने की क्षमता है।यह क्षण विद्यार्थियों के लिए अपनी सफलता पर प्रसन्नता व्यक्त करने के साथ-साथ आगामी जीवन सफर तय करने की दिशा में एक नया कदम रखने की खुशी एक नये दायित्वों को निभाने के लिए भी प्रेरित करता है।उच्च शिक्षा की डिग्री हासिल करना निश्चित रूप से सौभाग्य और उपलब्धि की बात है। गर्व और उपलब्धि के इस उचित भाव के साथ ही भविष्य के बारे में आशा और उम्मीद भी है।

इस अवसर पर आपसे कहना चाहता हूँ आप अपने सपनों और विचारों को मूर्त रूप प्रदान करने की दिशा में नई यात्रा का आरंभ करें।  आज आपके जीवन का एक नया अध्याय शुरु हो रहा है। प्रतियोगिता के इस युग में उत्कृष्टता हासिल करना जरूरी भी है और चुनौती भी। आज तक आपने सिर्फ पुस्तकों और शिक्षकों से ज्ञान प्राप्त किया है, पर आज के बाद पूरी दुनिया आपके सामने एक विस्तृत पुस्तकालय के रुप में खुल जायगी। आपकी विचारों एवं कर्मों में उदारता, नैतिकता एवं संकल्प हो और हृदय में परोपकार की भावना हो। आपकी वाणी और आपके व्यवहार में विनम्रता एवं मर्यादा हो। शिक्षा केवल डिग्री प्राप्त करने और नौकरी पाने का माध्यम नहीं है। शिक्षा का मूल उद्देश्य है, चरित्र निर्माण।  शिक्षा का कार्य खाली दिमाग को खुले दिमाग में बदलना है। इसके लिए जरूरी है कि शिक्षक अपने हृदय में सहानुभूति और समर्पण को जगह दे ताकि विद्यार्थियों को समझ सके, उनकी समस्याओं को जान सके, पहचान सके और उसके निदान का मार्ग प्रशस्त कर सके। आज भारत दुनिया का सबसे युवा देश है। हम अपनी इस युवा शक्ति का तभी लाभ उठा सकते हैं, जब हमारी युवा पीढ़ी ज्ञान और कौशल से युक्त हो। इसके लिए हमारे शिक्षण संस्थानों को, खासकर विश्वविद्यालयों को इस संदर्भ में बड़ी भूमिका निभानी है। उन्हें विद्यार्थियों को शिक्षित एवं निपुण नागरिक बनाने में सक्रिय भूमिका का निर्वहन करना होगा ताकि राष्ट्र निर्माण के कार्य में वे अहम भूमिका सुनिश्चित कर सके।विद्यार्थियों में अपने विश्वविद्यालय का नाम देश के उत्कृष्ट विश्वविद्यालयों में स्थापित करने की ललक होनी चाहिये।

आपको इस दिशा में सोचना होगा और उसके लिए परिश्रम भी करना होगा। जनजातीय बहुल क्षेत्र में स्थापित सिदो कान्हु मुर्मू विश्वविद्यालय से यह अपेक्षा है कि वे अपनी उपलब्धियों से अधिक से अधिक विद्यार्थियों को उच्च शिक्षा ग्रहण करने हेतु प्रेरित करें। विश्वविद्यालय परिवार छात्रहित में विद्यार्थियों के बेहतर भविष्य निर्माण हेतु सदा सजग रहें एवं गुणात्मक शिक्षा प्रदान करें। निश्चित रूप से राज्य में उच्च शिक्षा के दायरे का विस्तार हुआ है और आज हमारे शिक्षण संस्थानों में पहले से कहीं अधिक विद्यार्थी पढ़ रहे हैं। लेकिन, हमें जिस बात पर अब भी ध्यान केंद्रित करने की जरूरत है, वह है शिक्षा की गुणवत्ता और युवाओं के लिए सर्वोत्तम संभव शिक्षा। हमारे शिक्षण संस्थान विद्यार्थियों को बेहतर नागरिक बनने की भी प्रेरणा दें ताकि वे राष्ट्र के विकास में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वहन करने हेतु सदा सक्रिय रहें। यहाँ के विद्यार्थी अपने ज्ञान और कर्म से इस राज्य ही नहीं पूरे देश का नाम रौशन करें तथा अन्य युवाओं के लिए प्रेरणास्रोत बनें। हमारे विद्यार्थी सिदो-कान्हु, चाँद-भैरव, फूलो-झानो के जीवन से भी प्रेरणा लें। विश्वविद्यालय का उद्देश्य मानवीय मूल्यों व आदर्शों का विस्तार करना और उन्हें व्यापक जन-समाज तक फैलाना होता है। यही नहीं, विश्वविद्यालय सामाजिक, सांस्कृतिक रचनात्मकता के केन्द्र बिन्दु होते हैं। यदि यह इमारत और शिक्षक उपलब्ध दो संसाधन कहे जाते हैं तो निश्चित रूप से आप विद्यार्थी विश्वविद्यालय का तीसरा संसाधन हों।  वास्तव में शिक्षण की असली खुशी अपने विद्यार्थियों में निहित प्रतिभा व खोज क्षमताओं को बाहर निकालना है। शिक्षा आपके अंदर आत्मविश्वास जगाती है किंतु आपको आत्मविश्वासी होने के साथ विनम्र भी होना आवश्यक है। ज्ञान एवं विनम्रता से जीवन में प्रगति का मार्ग प्रशस्त होता है। झारखंड की कला-संस्कृति अत्यंत समृद्ध है और इसकी विश्व स्तरीय पहचान है। मैं चाहता हूँ कि यहाँ के शिक्षण संस्थान एवं विद्यार्थी अपनी लगन से शिक्षा के क्षेत्र में भी बेहतर कर विश्वपटल पर इसकी विशिष्ट पहचान कायम करें ताकि अन्य राज्यों के विद्यार्थी शिक्षा ग्रहण करने के लिए आयें। यहाँ शिक्षा हासिल करना एक प्रतिष्ठा का विषय माना जाय। इसके लिए हमारे शिक्षकों को शिक्षा के प्रति पूर्णतः समर्पित रहना होगा तथा विद्यार्थियों को हर कदम पर संतान की तरह मार्गदर्शन करना होगा।

विश्वविद्यालय ने बहुत सारे ऐसे पाठयक्रम शुरु किए हैं जैसे एन.सी.सी. डिफेन्स स्टडीज, फॉउडेशन कोर्स इन इंगलिश और टी०आर०एल० में बहुविषयक पीजी विषय, जो इस विश्वविद्यालय से पास करने वाले विद्यार्थियों को उनके कैरियर में काफी मदद करेगा। एक बार पुनः उपाधि ग्रहण करने वाले सभी विद्यार्थियों को मेरी बधाई। मेरी कामना है कि आप सफलता की ऊँचाई को हासिल करें व अपने लक्ष्य को प्राप्त करें। इस अवसर पर झारखंड विधानसभा के अध्यक्ष रविन्द्र नाथ महतो ने उपाधि प्राप्त करने वाले छात्र छात्राओं को बधाई देते हुए कहा कि आज बहुत खुशी का दिन है कि सिदो कान्हू मुर्मू विश्वविद्यालय में छठे दीक्षांत समारोह का आयोजन किया गया है  कोविड के वजह से कई समय से दीक्षांत समारोह लंबित रहा। उन्होंने कहा कि आज उपाधि प्राप्त करने वाले छात्र छात्राएं अपने आस पास के लोगों को भी शिक्षा प्राप्त करने में सहयोग करेंगे। शिक्षा बेहद जरूरी है गरीब, असहाय एवं जरूरतमंद को शिक्षा प्राप्त करने के लिए आप गाइडेंस करें।शिक्षा के क्षेत्र में सुधार किया गया है आगे भी इसके लिए बेहतर से बेहतर प्रयास जारी रहेगा। जिस संस्थान से आप निकल कर जिस भी क्षेत्र में जा रहे हैं यहां कि शुद्धता, सुचिता एवं अनुशासन अपने जीवन में बनाये रखने का कार्य करेंगे तो अपने आप को दुनियाभर में स्थापित करने में सफल रहेंगे। सिदो कान्हू मुर्मू विश्वविद्यालय की कुलपति सोनाझरिया मिंज ने राज्यपाल एवं अन्य अतिथियों का स्वागत करते हुए कहा कि संताल परगना अंर्तगत उच्च शिक्षा प्राप्त करने के लिए सिदो कान्हू मुर्मू विश्वविद्यालय में सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों से छात्र ही नहीं छात्राएं भी, मजदूर, किसान के बेटे बेटियां भी उच्च शिक्षा ग्रहण करते हैं यहां के बच्चे राज्य एवं देश के विभिन्न सेवाओं एवं पदों पर विराजमान है।

पढ़ने वाले छात्र छात्राओं के लिए और भी बेहतर प्रयास करना एवं निरंतर करते रहना हमारा कर्तव्य है। कोविड काल में भी शिक्षा को गति देने के लिये ऑनलाइन क्लासेस जारी रहे। रजिस्ट्रेशन एवं फॉर्म भरने की प्रक्रिया भी पोटल के माध्यम से किया गया, ताकि छात्र छात्राओं को सफलता हासिल करने में किसी प्रकार की बाधा नहीं हो। इस दौरान  राज्यपाल द्वारा विश्वविद्यालय की पत्रिका का लोकार्पण किया गया। डीएस, पीएचडी, यूजी, पीजी के छात्र छात्राओं को मेडल एवं डिग्री दिया गया। दीक्षांत समारोह में विधायक स्टीफन मरांडी, संथाल परगना प्रमंडल के आयुक्त चंद्र मोहन प्रसाद कश्यप, डीआईजी सुदर्शन मंडल, उपायुक्त, एसपी, वरीय पदाधिकारीगण, शिक्षण संस्थान के प्रोफेसर एवं बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएं आदि उपस्थित थे।

छठा दीक्षांत समारोह में राज्यपाल के हाथों टॉपरों को मिला गोल्ड मेडल

दुमका। सिदो कान्हू मुर्मू विश्वविद्यालय दुमका के छठे दीक्षांत समारोह में मुख्य अतिथि राज्यपाल सह कुलाधिपति रमेश बैस के हाथों पीएचडी के शोधार्थियों को उपाधि और स्नातक एवं स्नातकोत्तर के टॉपरों को गोल्ड मैडल दिया गया।वर्ष 2017 और उसके बाद स्नातक परीक्षाओं के टॉपरों,स्नातकोत्तर विषयो के टॉपरों और 2019 के पीएच.डी करने वाले शोधार्थियों को उपाधि दी गईं। कुल 317 छात्र छात्राओं को डिग्रियां और मैडल दिये जाने की घोषणा की गई।कुलपति प्रो सोनाझरिया मिंज ने सभी उपाधिधारकों जीवन क्षेत्र में अपने ज्ञान के बेहतर उपयोग करने की शपथ दिलाई।

Post Author: Sikander Kumar

Sikander is a journalist, hails from Dumka. He holds a P.HD in Journalism & Mass Communication, with 15 years of experience in this field. mob no -9955599136

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