दुमका:(झारखण्ड) संथाल परगना में विधानसभा की 18 सीटों में भाजपा को एकमात्र जरमुंडी विधानसभा सीट पर जीत हासिल हुई है। जबकि 2019 के विधानसभा चुनाव में भाजपा को संथाल परगना की चार सीटों पर जीत मिली थी। दुमका जिले की तीन विधानसभा सीट पर झारखंड मुक्ति मोर्चा तो एक सीट पर भारतीय जनता पार्टी की जीत हुई है. जिला की दुमका, शिकारीपाड़ा, जामा सीट पर एकबार फिर झारखंड मुक्ति ने कब्जा जमा लिया वहीं जरमुंडी सीट पर कांग्रेस प्रत्याशी व पूर्व मंत्री बादल को हराकर भाजपा प्रत्याशी देवेन्द्र कुंवर ने कब्जा जमा लिया।बताते चलें कि दुमका सीट पर झामुमो के बसंत सोरेन को कुल 95685 मत प्राप्त हुए वहीं भाजपा प्रत्याशी सुनील सोरेन को कुल 81097 मत प्राप्त हुए,इस तरह झामुमो के बसंत सोरेन ने कुल 14588 मतों के अंतर से जीत दर्ज कर ली.
शिकारीपाड़ा विधानसभा सीट पर झामुमो प्रत्याशी आलोक सोरेन को बड़ी जीत मिली है उन्होंने अपने निकटतम प्रत्याशी भाजपा के परितोष सोरेन को कुल 41,174 मतों के बड़े अंतर से हरा दिया. ज्ञात हो कि आलोक सोरेन सांसद नलिन सोरेन के पुत्र हैं और उन्होंने पहली बार शिकारीपाड़ा से किस्मत आजमाई है, इससे पहले इस सीट पर लगातार सात बार से नलिन सोरेन विधायक रहे हैं.
जामा विधानसभा सीट पर भाजपा छोड़ झारखंड मुक्ति मोर्चा में गयी डॉ लुईस मरांडी ने अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी भाजपा के सुरेश मुर्मू को 5738 मतों से हरा दिया.इस सीट पर सुरेश मुर्मू लगातार तीसरी बार झारखंड मुक्ति मोर्चा से हार गए वहीं पहली बार झामुमो की टिकट से चुनाव लड़ रही डॉ लुईस मरांडी ने कड़े व दिलचस्प मुकाबले में अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी सुरेश मुर्मू को हरा दिया.
दुमका की एकमात्र जरमुंडी विधानसभा सीट पर भाजपा के देवेन्द्र कुंवर ने अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी कांग्रेस के बादल को 17546 मतों के बड़े अंतर से हरा दिया. देवेन्द्र कुंवर को कुल 94892 वोट एवं कांग्रेस प्रत्याशी बादल को 77346 मत प्राप्त हुए। इस तरह दुमका जिला की चार विधानसभा सीटों में सबसे अधिक मार्जिन से शिकारीपाड़ा सीट पर आलोक सोरेन ने जीत दर्ज की तो सबसे कम मार्जिन से जामा सीट पर डॉ लुईस मरांडी ने जीत दर्ज की.
https://www.facebook.com/share/p/15WdUDb2wp/