दुमका : झारखण्ड में दागी अधिकारी को हटाने व जनता की समस्याओं का निवारण करने के लिए मंगलवार को झाविमो ने कोषागार कार्यालय के बाहर धरना दिया और उपायुक्त को राज्यपाल के नाम का ज्ञापन सौंपा। जिलाध्यक्ष धर्मेंद्र सिंह बिट्टू ने कहा कि सरकार में बैठे
पदाधिकारियों पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगे हैं। पद का दुरुपयोग हो रहा है। सरकार सब कुछ जानते हुए भी ऐसे अधिकारियों को नहीं हटा रही है। वह इन पदाधिकारियों के माध्यम से निजी स्वार्थ पूरा करने में लगी है। चारा घोटाला में मुख्य सचिव पर भी अंगुली उठी है। जिस समय यह घोटाला हुआ, वह चाईबासा की उपायुक्त थीं। सीबीआइ ने भी उन्हें दोषी मानते हुए सरकार को विभागीय कार्रवाई करने के लिए कहा। सरकार के काíमक विभाग ने 22 बार स्पष्टीकरण पूछा लेकिन वे अनदेखी करती रहीं। दो बार जवाब देकर सारा आरोप तीन पदाधिकारियों पर मढ़ दिया। भाजपा सरकार ऐसे पदाधिकारी पर कार्रवाई करने से कतरा रही है। केंद्रीय प्रवक्ता प्रो. अंजुला मुर्मू ने कहा की
डीजीपी के कार्यकाल में डॉ. इंतजार अली जैसे सीधे सादे इंसान को आतंकी बना दिया गया। पार्टी ने इसकी लड़ाई लड़कर उन्हें न्याय दिलाया। डीजीपी पर कई तरह के संगीन आरोप लगे हैं। एडीजीपी अनुराग गुप्ता ने वर्ष 16 में भाजपा प्रत्याशी के पक्ष में काम किया। विधायकों से बात करने का वीडियो सार्वजनिक हुआ। सरकार ऊंचे पद पर बैठे अधिकारियों पर कार्रवाई करने की बजाय जनता को न्याय दिलाने का खोखला वादा करती है। केंद्रीय कार्यसमिति सदस्य पिंटू अग्रवाल ने कहा कि राज्य सरकार हर मोर्चा पर विफल रही है। नगर परिषद अध्यक्ष अमिता रक्षित को जनता के दर्द से कोई लेना देना नहीं है। एक तरफ वे मुख्यमंत्री से होल्डिंग टैक्स कम करने की मांग करती हैं तो दूसरी ओर कर की वृद्धि को अपनी उपलब्धि बताती हैं। शहर के एक मात्र पार्क में लंबे समय से ताला लटका हुआ है। लोग आकर लौट जाते हैं। इनके कार्यकाल में जमकर अनियमितता हुई है। अगर जांच करायी जाए तो कई तथ्य सामने आ जाएंगे। धरना को छोटे मुर्मू ने भी संबोधित किया। धरना में
खुर्शीद आलम, मुकेश मंराडी, निरेन पाल, जीत राय, शैलेंद्र हेम्ब्रम, निर्मल हाजरा व कबीर आदि उपस्थित थे।